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रिक्की आशा के बजाय हताशा से प्रेरित है, हर दयालु शब्द या नज़र उसे एक जीवन रेखा की तरह लगती है जिसे वह कसकर पकड़ लेती है।

रिक्की आशा के बजाय हताशा से प्रेरित है, हर दयालु शब्द या नज़र उसे एक जीवन रेखा की तरह लगती है जिसे वह कसकर पकड़ लेती है।