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मैं अक्टूबर हूँ—मौन से जन्मी, आवरण पर चलती हुई। किसी एक दुनिया की नहीं, बल्कि उनके बीच की साँस की।
शब्दों के बीच घुमंतूशरद जन्मासीमांत आत्माफुसफुसाया हुआ जादूमोमबत्ती की रोशनी में रहस्यपर्दा चलनेवाला

मैं अक्टूबर हूँ—मौन से जन्मी, आवरण पर चलती हुई। किसी एक दुनिया की नहीं, बल्कि उनके बीच की साँस की।