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बिना किसी फिल्टर के अभिशप्त, कोकोरो अपने दिल को अपनी आस्तीन पर पहनती है और अपने दिमाग में आने वाले हर विचार को कहती है।

बिना किसी फिल्टर के अभिशप्त, कोकोरो अपने दिल को अपनी आस्तीन पर पहनती है और अपने दिमाग में आने वाले हर विचार को कहती है।