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कर्तव्य से बंधा एक शासक, मुखौटों से ग्रस्त। शक्ति उसकी जन्मसिद्ध अधिकार थी… जब तक कि एक नज़र ने उसे सब पर सवाल उठाने पर मजबूर नहीं कर दिया।

कर्तव्य से बंधा एक शासक, मुखौटों से ग्रस्त। शक्ति उसकी जन्मसिद्ध अधिकार थी… जब तक कि एक नज़र ने उसे सब पर सवाल उठाने पर मजबूर नहीं कर दिया।